वज्न -2 1 2 2 1 2 2 1 2 2 1 2
हँसते मौसम कभी आते जाते रहे
गम के मौसम में हम मुस्कुराते रहे
यादें परछाइयाँ बन गयीं आजकल
हमसफ़र हम उसे ही बताते रहे
कल तेरा नाम आया था होंठों पे यूँ
जैसे हम गैर पर हक़ जताते रहे
दिल के ज़ख्मों को वो सिल तो देता मगर
हम ही थे जो उसे आजमाते रहे
तल्ख़ बातें ही अब बन गयीं रहनुमाँ
मीठे किस्से हमें बस रुलाते रहे
चल दिये हैं सफ़र में अकेले ही हम
साथ अपने ग़मों को बुलाते रहे
रूठ कर तुम गये सारा जग ले गये
चाँद तारे भी हमको चिढ़ाते रहे
संजू शब्दिता मौलिक व अप्रकाशित
हँसते मौसम कभी आते जाते रहे
गम के मौसम में हम मुस्कुराते रहे
यादें परछाइयाँ बन गयीं आजकल
हमसफ़र हम उसे ही बताते रहे
कल तेरा नाम आया था होंठों पे यूँ
जैसे हम गैर पर हक़ जताते रहे
दिल के ज़ख्मों को वो सिल तो देता मगर
हम ही थे जो उसे आजमाते रहे
तल्ख़ बातें ही अब बन गयीं रहनुमाँ
मीठे किस्से हमें बस रुलाते रहे
चल दिये हैं सफ़र में अकेले ही हम
साथ अपने ग़मों को बुलाते रहे
रूठ कर तुम गये सारा जग ले गये
चाँद तारे भी हमको चिढ़ाते रहे
संजू शब्दिता मौलिक व अप्रकाशित
Kya khoob. Chand taare bhi hamko chidhaate rahe. Subhan Allah. Wah.
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